एक दिन में 2.5 किलोमीटर नाड़ा बिका, सोचिए कितने सलवार-पैजामे बने होंगे!
Last Updated:April 01, 2025, 14:52 IST
बहराइच में जहां एक और इस बार ईद में अलीना कट सूट ने रिकॉर्ड तोड़ा तो वहीं नारा डोरी ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि अबकी बार बहराइच में नाड़ा डोरी की बिक्री बड़े पैमाने पर हुई.
2.5 किलोमीटर नाड़ा की बहराइच में ईद पर बिक्री!
हाइलाइट्स
- बहराइच में ईद पर नाड़ा डोरी की बिक्री ने रिकॉर्ड तोड़ा.
- अकेले एक दुकान पर 2.5 किमी नाड़ा डोरी बिकी.
- नाड़ा डोरी की कीमत ₹2 प्रति मीटर रही.
बहराइच: इस बार ईद पर बहराइच के बाजारों में एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला. जहां अलीना कट सूट की धूम रही, वहीं नाड़ा डोरी की बिक्री ने भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. सुनकर हैरानी होगी कि अकेले बहराइच की एक दुकान पर लगभग 2.5 किलोमीटर नाड़ा डोरी बिकी! पूरे जिले में ये आंकड़ा 10 किलोमीटर को भी पार कर गया.
सलवार और पैजामों में इस्तेमाल होने वाला नाड़ा डोरी ईद के मौके पर महिलाओं और पुरुषों दोनों की खरीदारी का अहम हिस्सा बन गया. जहां महिलाएं सलवार के लिए नाड़ा खरीदती हैं, वहीं पुरुष भी पैजामे में इस्तेमाल के लिए इसे जमकर खरीदते नजर आए. इस बार नाड़े की कीमत मात्र ₹2 प्रति मीटर रही, जिससे इसकी बिक्री में जबरदस्त उछाल आया.
एक पैजामे व सलवार में कितना लगता है नाड़ा?
बच्चों के पायजामे में लगभग आधा मीटर, जबकि सामान्य आकार के बड़ों के लिए 1 मीटर नाड़ा पर्याप्त होता है. थोड़े स्वस्थ व्यक्तियों को 1.5 मीटर तक लग सकता है, और भारी व्यक्तियों को 2 से 2.5 मीटर तक नाड़ा चाहिए होता है. औसतन 1 मीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से भी, एक दुकान पर 2.5 किलोमीटर नाड़ा बिकना बड़ी संख्या में खरीदारों को दर्शाता है.
कैसे बनता है नाड़ा डोरी?
नाड़ा बनाने के लिए कई धागों को आपस में मिलाकर बुना जाता है, जिससे उसकी मजबूती और मोटाई बढ़ती है. इसे बनाने में रेशम सहित कई तरह के धागों का इस्तेमाल होता है. यह सिर्फ कपड़ों में ही नहीं, बल्कि कई अन्य कामों में भी उपयोगी है. पुराने समय से, जब जींस आदि नहीं थे, तब से पायजामे में नाड़े का इस्तेमाल होता आ रहा है, और यह परंपरा आज भी कायम है. ईद के मौके पर बहराइच में नाड़ा डोरी की इस रिकॉर्ड तोड़ बिक्री ने साबित कर दिया कि यह छोटी सी चीज लोगों की जिंदगी में कितनी अहमियत रखती है.
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Source – News18

