कभी देखा था ऐसा दो का पहाड़ा, बचपन में मिल जाता तो मैथ्स से ना दूर भागते, आपक

पहाड़ा याद करने की मुसीबत
पहाड़े या अंग्रेजी माध्यम के बच्चे जिन्हें टेबल्स कहते हैं, उन्हें याद करना एक सिरदर्द रहा है. कसूर विषय का नहीं रहा. जिन बच्चों के गणित रोचक तरीके से पढ़ाई जाती है, उन्हें टेबल्स या पहाड़े याद करने में कभी परेशानी नहीं हुई पर दूसरी तीसरी कक्षा में जब बच्चों का इनसे सामना होता है. तभी यदि उन्हें अंकों संख्याओं के प्रति दिलचस्पी पैदा कर दी जाए, तो यह सब आसान हो सकता है. कम से काम इस पहाड़े को देख कर तो ऐसा ही लगता है.
वीडियो में दिखाए गए पन्ने पर कविता कुछ इस तरह से लिखी है.
एक गाँव में थे दो चोर
चोरी करते चारो ओर
छः किलो पीते थे दूध
रोज खाते आठ अमरूद
दस गाँव में थे बदनाम
बारह थानों में था नाम
एक दिन चौदह थानेदार आए
सोलह उन पर केस लगाए
अट्ठारह मील दिया धकेल
बीस साल की हो गई जेल.
View this post on Instagram
बहुत फायदेमंद है ऐसा याद करना
इस तरह से कविता के रूप में पहाड़ा याद करने के फायदा ये होता है कि बच्चों को यह आसानी से याद हो जाता है. वैसे तो दो का पहाड़ा कठिन नहीं माना जाता है. लेकिन हकीकत ये है कि देश में बहुत से गांव देहातों, और कभी कभी शहरों में भी कई बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें यह भी बहुत कठिन काम लगता है. हाल ही में एक खबर की चर्चा खूब हुई थी जिसमें बताया गया था कि एक दुल्हन ने दूल्हे से शादी करने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि वह दो का पहाड़ा नहीं सुना पाया था. शायद यह वीडियो उसके बहुत काम का साबित हो सकता है.
लोगों की तारीफ
वीडियो को इंस्टाग्राम पर यूज़र @hindi_adhyapak ने शेयर किया है जिसे अब तक एक करोड़ 48 लाख व्यूज़ मिल चुके हैं. कैप्शन में यूज़र ने लिखा है, “यादें बचपन की, अगर वीडियो अच्छा लगा हो तो कृपया फॉलो करना न भूलें. आप सभी के प्रेम से हम हिन्दी भाषा को आगे बढ़ा सकते हैं” अधिकांश लोगों ने इस पर कमेंट में वाह लिख कर तारीफ की है.
कमेंट्स में एक यूजर ने तो तीन का ही पहाड़ा इस अंदाज में लिख डाला, “एक मोहल्ले में थे तीन यार,छह बजे उठते, करते फुल प्रचार. नौ तक स्कूल में करते धमाल, बारह बजे तक खेलते बेहाल. पंद्रह मिनट में खाते समोसे, अठारह झूठ बोलते बिन होश के. इक्कीस बार गए थे नदी किनारे, चौबीस पत्थर मारे मछली के प्यारे. सत्ताईस बार पकड़े गए मास्टर जी से, तीस बार माफ़ी माँगी हँसी के जी से. तैंतीस तक बन गए स्कूल के स्टार, छत्तीस में बन बैठे मम्मी के विचार…” एक यूज़र ने पूछा है, “कौन से जमाने में ऐसे याद करवाया करते थे?”
Source – News18