झीलों में छोड़ दी गोल्ड फिश, साइज हो गया बड़ा, दूसरी मछलियों के लिए आफत!

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Last Updated:September 21, 2025, 08:31 IST

अमेरिका में पालतू गोल्डफिश लंबे समय से प्राकृतिक जलाशयों के लिए संकट बनी हुई हैं. लोग जब इन्हें ऊबकर तालाबों या झीलों में छोड़ देते हैं तो ये छोटी-सी मछलियां विशालकाय आकार ले लेती हैं और स्थानीय प्रजातियों को पछाड़ देती हैं. मिनेसोटा के एप्पल वैली स्थित मिनेसोटा जू ने अब इस समस्या का एक अनोखा और कारगर समाधान खोज निकाला है.

झीलों में छोड़ दी गोल्ड फिश, साइज हो गया बड़ा, दूसरी मछलियों के लिए आफत!गोल्ड फिश की वजह से तालाब की दूसरी मछलियों के लिए आफत हो रही थी. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
गोल्ड फिश दिखने में तब तक ही क्यूट लगती है, जब तक वो एक्वेरियम के अंदर रहती है. मगर जब वो प्राकृतिक जलाशयों में जाती हैं, तब आफत बन जाती हैं. ऐसा ही कुछ अमेरिका के मिनेसोटा में हो रहा है. यहां पर लोगों ने गोल्ड फिश से ऊबकर उन्हें झीलों और तालाबों में छोड़ दिया. उसके बाद उनका साइज बड़ा होने लगा. जब उनसे दूसरी मछलियों को दिक्कत होने लगी, तब वहां के लोगों ने उनसे निजात पाने का गजब तरीका खोज निकाला.

अमेरिका में पालतू गोल्डफिश लंबे समय से प्राकृतिक जलाशयों के लिए संकट बनी हुई हैं. लोग जब इन्हें ऊबकर तालाबों या झीलों में छोड़ देते हैं तो ये छोटी-सी मछलियां विशालकाय आकार ले लेती हैं और स्थानीय प्रजातियों को पछाड़ देती हैं. मिनेसोटा के एप्पल वैली स्थित मिनेसोटा जू ने अब इस समस्या का एक अनोखा और कारगर समाधान खोज निकाला है. वहां के अधिकारी पकड़ी गई इन गोल्डफिश और अन्य आक्रामक प्रजातियों को बेकार समझकर फेंकने की बजाय, चिड़ियाघर के भूखे जानवरों को खिला रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, मिनेसोटा की लेक कॉर्नेलिया और कई अन्य झीलों में हजारों गोल्डफिश छोड़ दी गईं, जिन्हें हटाना बेहद कठिन काम साबित हो रहा है.
इन मछलियों का वजन जंगली माहौल में चार पाउंड (लगभग दो किलो) तक हो सकता है. वे स्थानीय मछलियों का खाना छीन लेती हैं, पौधों को उखाड़ देती हैं और बीमारियां फैलाती हैं.

gold fish in pond
जू ने अब उन गोल्ड फिश को अन्य जानवरों को खिलाना शुरू कर दिया. (फोटो: Jam Press/Minnesota Zoo)
गोल्ड फिश बढ़ने से हो रही थी दिक्कत
नाइन माइल क्रीक वाटरशेड डिस्ट्रिक्ट ने बताया कि कॉर्नेलिया झील में गोल्डफिश की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि ये मूल प्रजातियों से अधिक दिखाई देती हैं. साथ ही ये झील की तलहटी को हिलाकर उसमें मौजूद फॉस्फोरस को पानी में घोल देती हैं, जिससे शैवाल की मात्रा और पानी गंदा होने की समस्या बढ़ जाती है. अब तक इन आक्रामक मछलियों को हटाने के बाद लैंडफिल या खाद स्थलों में डाला जाता था लेकिन यह तरीका पर्यावरण के लिए बेहतर नहीं माना गया. इसी कारण नाइन माइल क्रीक और मिनेसोटा जू ने मिलकर नई पहल शुरू की है. अब पकड़ी गई गोल्डफिश और नदियों से निकाले गए कार्प को चिड़ियाघर के जानवरों के भोजन में शामिल किया जा रहा है.

जानवर पसंद कर रहे हैं मछलियां
पोषण विशेषज्ञ केली कैपेन के अनुसार- “हम कुछ भरोसेमंद साझेदारों के साथ सुरक्षित तरीके से इन मछलियों को तैयार कर रहे हैं. जानवरों के भोजन में इन्हें शामिल करने से पहले संतुलित और व्यक्तिगत डाइट प्लान बनाया जाता है.” उन्होंने बताया कि कई जानवर नए भोजन को तुरंत स्वीकार नहीं करते. इसलिए बार-बार परिचय कराना जरूरी होता है. केली कैपेन के मुताबिक शुरुआती नतीजे काफी अच्छे रहे हैं. भालू, कार्प मछली को खूब पसंद कर रहे हैं. सी लायन (समुद्री शेर) धीरे-धीरे गोल्डफिश खाने लगे हैं. नदी ऊदबिलाव (River Otters) दोनों तरह की मछलियों के साथ-साथ ‘रस्टि क्रेफिश’ भी चख रहे हैं.

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Ashutosh Asthana

आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें

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Source – News18