दिन में जन्नत, रात में डरावना खेल, जानें चांदनी गांव का अनसुलझा रहस्य!

चांदनी गांव की खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है. हरे-भरे पहाड़, बहती नदी, और ठंडी हवाओं का झोंका मानो प्रकृति का सबसे खूबसूरत तोहफा हो. मानसून में तो यह गांव किसी जन्नत से कम नहीं है. सैलानी दूर-दूर से इसकी हरियाली और शांति का लुत्फ उठाने आते हैं. लेकिन जैसे ही सूरज की आखिरी किरणें गायब होती है गांव की गलियों में एक अजीब सी ठंडक और सन्नाटा पसर जाता है. स्थानीय लोग कहते हैं कि रात में यहां आत्माएं घूमती है.
ग्रामीणों का दावा है कि सूर्यास्त के बाद चांदनी गांव की गलियों और नदी किनारे अजीब-अजीब आकृतियां दिखाई देती है. कुछ लोगों ने तो इंसानी शक्ल वाले सायों को देखने की बात कही है, जो पास जाने पर हवा में गायब हो जाते हैं. गांव के सुरेश मीणा बताते हैं कि एक बार रात में नदी किनारे एक औरत की परछाई देखी. वो मुझे पुकार रही थी, लेकिन जैसे ही मैं पास गया, वो गायब हो गई. मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए. कई लोगों ने रात में चीखने और रोने की आवाजें सुनने की बात भी कही है, जो सुनने में किसी डरावनी फिल्म से कम नहीं है.
क्या वाकई चांदनी गांव में आत्माएं भटकती है?
सैलानियों के लिए बन गया है रोमांच का ठिकाना
चांदनी गांव की यह रहस्यमयी कहानी इसे सैलानियों के लिए और भी आकर्षक बनाती है. जो लोग रोमांच और रहस्य के दीवाने हैं, उनके लिए यह गांव किसी खजाने से कम नहीं. दिन में इसकी प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाइए और अगर हिम्मत हो तो सूरज ढलने के बाद इसके रहस्यमयी सायों का पीछा कीजिए. चांदनी गांव की यह कहानी सच हो या झूठ, लेकिन एक बात तो पक्की है कि यह गांव अपने रहस्य और खूबसूरती के मेल से हर किसी को हैरान करता है. तो अगली बार उदयपुर जाएं, तो चांदनी गांव जरूर घूमें. लेकिन सूरज ढलने से पहले वापस आ जाएं, वरना… कौन जाने, कोई भटकती आत्मा आपसे मुलाकात करने चली आए.
Source – News18