आज भी गुलाम है यह गांव! 2 लोग 10वीं पास, किसी के पास नहीं सरकारी नौकरी
Last Updated:September 10, 2025, 18:33 IST
हरका गांव पश्चिम चंपारण में है, जहां 800 आबादी में सिर्फ 2 लोग दसवीं पास हैं. आजादी के 78 साल बाद भी कोई सरकारी नौकरी नहीं, सभी दिहाड़ी मजदूर हैं, महिलाएं भी काम करती हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि उनके पास घर के नाम पर सिर्फ सिर छिपाने भर की जगह है. हालत इतने खस्ता है कि गांव के मर्दों के साथ महिलाएं भी दिहाड़ी मजदूर का काम करने को मजबूर हैं. गांव में आज तक किसी की भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है. बता दें कि ये गांव पश्चिम चंपारण जिले के बगहा 02 प्रखंड के अंतर्गत आता है. गांव का नाम “हरका” है, जिसकी आबादी करीब 800 है.
गांव के निवासी राजकुमार सहनी बताते हैं कि पूरे गांव में सिर्फ 2 लोग ही ऐसे हैं, जिन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की है. गौर करने वाली बात यह है कि सहनी उनमें से एक हैं. बकौल सहनी, हरका एक ऐसा गांव है जहां आजादी के 79 साल में भी अब तक किसी ने सरकारी नौकरी नहीं ली है. स्थिति इतनी दयनीय है कि युवा से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं तक परिवार चलाने के लिए मजदूरी करती हैं.
उन्होंने बताया कि गांव के कोई भी सरकारी विद्यालय नहीं है, जब हमने राजकुमार से इस दयनीय स्थिति का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि “हरका” जिले के सबसे पिछड़े गांवों में से एक है. आजादी के 78 वर्षों के बाद भी यहां न तो कोई विद्यालय बन पाया है और न ही कोई पंचायत भवन. गांव से करीब 03 किलोमीटर की दूरी पर एक सरकारी विद्यालय मौजूद भी है, तो संसाधनों के घोर अभाव की वजह से वहां कोई बच्चा पढ़ने के लिए जा नहीं पाता है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि यही सिलसिला पीढ़ियों से चलता आ रहा है.
पूरा गांव करता है मजदूरी
हैरत तो इस बात की है कि यहां के लोगों को सरकार की किसी योजना तक की जानकारी नहीं है. ग्रामीणों की मानें तो, यहां के लोगों में बस खाने कमाने की प्रवृत्ति बस गई है. ऐसे में इससे ऊपर कोई सोच ही नहीं पाता है. युवा, महिला और बुजुर्ग सभी मजदूरी करते हैं. ग्रामीण लीलावती देवी बताती हैं कि उनके पति गोरखपुर में रिक्शा चलाने का काम करते हैं. राजकुमार सहनी उनका बेटा है, जो गांव का दूसरा सबसे पढ़ा लिखा युवा है. घर की दयनीय स्थिति को देखते हुए राजकुमार ने भी दसवीं की पढ़ाई पूरी कर एक अस्थाई प्राइवेट काम से जुड़ने का फैसला कर लिया. विचारणीय बात तो यह है कि लीलावती भी गांव से बाहर दूसरों के घरों में झाड़ू पोछे का काम करती हैं. कुछ ऐसी ही कहानी गांव के हर एक परिवार की है.
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with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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Source – News18

