इस बाजार में नहीं मिलते बेलन फिर भी नाम बेलनगंज, चकरघिन्नी बन जाएगा दिमाग

Last Updated:June 23, 2025, 21:40 IST
Ajab Gajab News : आगरा शहर में कई ऐसे ऐतिहासिक बाजार हैं, जिनकी जड़ें बहुत पुरानी और गहरी हैं. इन्हीं में से एक है बेलनगंज बाजार, जो समय के साथ बदला तो, लेकिन अतीत से पीछा नहीं छुड़ा पाया.
आगरा. यूपी के आगरा शहर में कई ऐसे ऐतिहासिक बाजार हैं जिनकी जड़ें मुगलकाल और अंग्रेजी शासन तक जाती हैं. इन्हीं में से एक है बेलनगंज बाजार, जो समय के साथ बदल तो गया है, लेकिन आज भी अपने अतीत की गवाही देता है. वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक सामान का प्रमुख केंद्र बन चुका यह इलाका कभी क्रांतिकारियों और व्यापारिक गतिविधियों का गढ़ हुआ करता था. बेलनगंज का नाम सुनते ही यह भ्रम होता है कि शायद यह बेलन (रोटी बेलने की लकड़ी) से जुड़ा हुआ होगा, लेकिन इतिहास कुछ और ही कहानी कहता है. इस क्षेत्र का नाम दरअसल अंग्रेज अधिकारी मिस्टर बैल्लून के नाम पर पड़ा था. पहले इसे बैल्लूनगंज कहा गया, जो समय के साथ बैल्लनगंज और फिर बेलनगंज बन गया.
इतिहासकार राज किशोर शर्मा ‘राजे’ बताते हैं कि यह इलाका मुगलकाल में मुहल्ला रफीउद्दीन चौक के नाम से जाना जाता था. यमुना नदी के किनारे बसे इस इलाके का सामरिक और व्यापारिक महत्त्व हमेशा रहा. जलमार्ग के जरिए व्यापार होता था और यही कारण था कि यह स्थान व्यापारियों का पसंदीदा केंद्र बन गया. बेलनगंज में सूरजभान का फाटक भी इतिहास में विशेष महत्त्व रखता है. यह फाटक हरियाणा के दानवीर और धर्मात्मा सेठ सूरजभान (1810) के नाम पर है. उनकी समाज सेवा के कारण उन्हें आज भी श्रद्धा से याद किया जाता है.
बेलनगंज सिर्फ व्यापार का केंद्र नहीं था, यह आजादी की लड़ाई में भी अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा. इसी इलाके की बरौलिया बिल्डिंग में अंग्रेज अधिकारी हार्डी राम बारात देखने के लिए बैठा हुआ था, तभी आगरा के क्रांतिकारियों ने उस पर बम से हमला कर दिया. यह घटना इतिहास में ‘हार्डी बम कांड’ के नाम से दर्ज है. इस हमले की गूंज अंग्रेजी शासन तक सुनाई दी और इसने क्रांतिकारियों की हिम्मत और हौसले का प्रमाण दिया. आज बेलनगंज आगरा का प्रमुख बाजार है, जहां 500 से अधिक दुकानें हैं और इलेक्ट्रॉनिक सामान का बड़ा कारोबार होता है.
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Source – News18

