भिंडी को ‘…’, टमाटर को.. ये हैं छत्तीसगढ़ के अजीबो-गरीब नाम वाली सब्जियां

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Last Updated:August 28, 2025, 18:10 IST

अपनी आदिवासी संस्कृति, घने जंगलों, झरनों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है.यहां की भाषा, छत्तीसगढ़ी, हिंदी से मिलती-जुलती होने के बावजूद अपनी विशिष्ट शब्दावली और बोलियों के लिए जानी जाती है.इसी विशिष्टता की झलक हमें यहां के स्थानीय बाज़ारों में भी देखने को मिलती है, जहां सब्जियों के नाम सुनकर अक्सर बाहरी लोग हैरान रह जाते हैं.

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भारत के हृदय स्थल में बसा छत्तीसगढ़ राज्य अपनी अनूठी संस्कृति, भाषा और परंपराओं के लिए जाना जाता है. यहां का खान-पान, पहनावा और बोलचाल का तरीका अन्य राज्यों से काफी अलग है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ी भाषा में रोज़मर्रा की कुछ सब्जियों के नाम इतने अजब-गजब हैं कि उन्हें सुनकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे. कुछ नाम तो ऐसे हैं जिन्हें सुनकर वाकई पेट पकड़ने पर मजबूर हो जाएंगे.

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यह राज्य अपनी आदिवासी संस्कृति, घने जंगलों, झरनों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है .यहां की भाषा, छत्तीसगढ़ी, हिंदी से मिलती-जुलती होने के बावजूद अपनी विशिष्ट शब्दावली और बोलियों के लिए जानी जाती है. इसी विशिष्टता की झलक हमें यहां के स्थानीय बाज़ारों में भी देखने को मिलती है, जहां सब्जियों के नाम सुनकर अक्सर बाहरी लोग हैरान रह जाते हैं.

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भिंडी:  जिस भिंडी को हम सब जानते हैं, उसे छत्तीसगढ़ी में ‘रामकेलिया’ कहते हैं. यह नाम सुनकर अक्सर लोग चकित रह जाते हैं. कई बार तो इन नामों को सुनकर पर्यटक और मेहमान अपनी हंसी नहीं रोक पाते, और स्थानीय लोगों को समझाते हुए देखना एक मनोरंजक अनुभव होता है.

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टमाटर : लाल-लाल टमाटर, जो हर रसोई की जान है, यहां ‘पाताल’ नाम से पुकारा जाता है. अब टमाटर का पाताल से क्या संबंध, यह सुनकर तो हंसी छूट ही जाती है.

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मटर : सर्दियों की पहचान मटर, छत्तीसगढ़ में ‘बटरा’ बन जाता है. ‘बटरा’ शब्द में ही एक अलग तरह की मिठास और देसीपन है.

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प्याज : खाने का स्वाद बढ़ाने वाली प्याज को यहां ‘गोदली’ कहते हैं.यह नाम भी अपनी अनूठी ध्वनी के कारण ध्यान खींचता है.बाहरी लोगों के लिए ये नाम भले ही अटपटे लगें, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए ये उनकी पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं.

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नींबू: खट्टे स्वाद का नींबू.उसे आप यहां ‘लिम्बु’ या ‘लिमऊ’ के नाम से जानेंगे. यह नाम हिंदी के नींबू से मिलता-जुलता होने के बावजूद अपनी स्थानीय पहचान बनाए रखता है.ये नाम न सिर्फ बोलने में मजेदार हैं, बल्कि ये स्थानीय बोली की मिठास और सरलता को भी दर्शाते हैं.

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भिंडी को ‘…’, टमाटर को.. ये हैं छत्तीसगढ़ के अजीबो-गरीब नाम वाली सब्जियां

Source – News18